बहुत दिनों से कई लोगों की शिकायत रहती थी कि मैं ने अपने ब्लाग पर ताला लगा रखा है। इससे दर्शकों/पाठकों को नकल करने में असुविधा होती है। पढ़ने के लिये नेट लगातार खुला रखना पड़ता है, उसे आनलाइन नहीं पढ़ा जा सकता। न ही कापी कर कहीं पेस्ट किया जा सकता है।
मेरे मन में बात इतनी ही थी कि लोग बिना पढे कापी पेस्ट न करें। पढ़ने समझने के बाद तो ज्ञान किसी एक का रहता नहीं, उसे कोई सौजन्य उल्लेख के साथ या उसके बिना भी उपयोग कर ही सकता है।
अब मैं ने ताला हटा लिया है। आगे आपकी मर्जी।
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