tag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post5952672159233275692..comments2023-03-25T07:15:30.671-07:00Comments on बहुरंग: भारतीय संस्कृति एवं समाज समझने के सूत्रRavindra Kumar Pathakhttp://www.blogger.com/profile/12945754377921700571noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post-67157197073806159032014-05-06T04:51:20.684-07:002014-05-06T04:51:20.684-07:00संस्कृति और समाज सम्बन्धी यह आलेख एक नया दृश्टिकोण...संस्कृति और समाज सम्बन्धी यह आलेख एक नया दृश्टिकोण है .समझ की भूल हो तो सुधारा जा सकता है,परन्तु इस देश में तो पाश्चात्य अकल की नक़ल का प्रभाव कुछ ऐसा हो गया है की संस्कृति की प्रकृति एवं प्रकार दोनों ही गलत व्यखायो के शिकार हो चुके है.इसे स्थापित करने के लिए एक पुनर्जागरण का सशक्त अभियान चलाना होगा.<br />मगध की भूमि में ही समन्वयकारी तत्यो एवं तथ्यों को खोजना और मनवाना होगा.अब यह मनवाना ही प्रमुख समस्या है, खोज तो आप कर ही रहे है और अन्य भी समर्थन दे रहे होंगे.Dr. VIJAY PRAKASH SHARMAhttps://www.blogger.com/profile/16885591501076763983noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post-5039067373357132392011-11-23T08:09:01.896-08:002011-11-23T08:09:01.896-08:00esa lekh ko pad kr kuchh naee bat samjha aai.esa lekh ko pad kr kuchh naee bat samjha aai.Anonymousnoreply@blogger.com