tag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post4369988207278786160..comments2023-03-25T07:15:30.671-07:00Comments on बहुरंग: आषाढ़ी संवत्सरRavindra Kumar Pathakhttp://www.blogger.com/profile/12945754377921700571noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post-23021410925432945332015-04-03T05:35:57.611-07:002015-04-03T05:35:57.611-07:00एक वित्तिय नववर्ष दीपावली से भी प्रारंभ होता है मा...एक वित्तिय नववर्ष दीपावली से भी प्रारंभ होता है मारवाडी व गुजरात में विशेष। दीपावली पर भी नवीन खाता प्रारंभ के समय कर्ज / व्यापार की पुनर्गणना होती है।<br /><br /> नवनीतnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post-46119467171983256032015-04-02T22:15:26.210-07:002015-04-02T22:15:26.210-07:00यह मामला मगध के लोक व्यवहार का है, रोजी रोटी का है...यह मामला मगध के लोक व्यवहार का है, रोजी रोटी का है अतः इस विषय का सटीक आधार भी मगध के शास्त्ऱ में मिलेगा। चाणक्य ने अपने अर्थ शास्त्ऱ में लिखा है- ‘‘ त्रिशतं चतुःपंचाशच्चहोरात्राणां कर्म संवत्सरः। तमाषाढ़ीपर्यवसानमूनं पूर्ण वा दद्यात्’’ मतलब कर्म संवत्सर, जिसके आधार पर वेतन/मजदूरी का भुगतान किया जाय, वह तीन सौ चौवन दिन रात मिला कर होता है। इसकी समाप्ति आषाढ़ी पूर्णिमा को होती है। <br />इसके बाद जब तक नये मालिक का चुनाव नहीं हुआ भूइयां/कमियां/कमकर/बनिहार मुक्त। चले आषाढ़ी पूजा, मांस मदिरा का भोग और छुट्टी भी साथ में। गुप्त कर्षण/रात की पहली जोताई तक।Ravindra Kumar Pathakhttps://www.blogger.com/profile/12945754377921700571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5651802831794528760.post-78618150378901400422015-04-02T11:27:30.700-07:002015-04-02T11:27:30.700-07:00विषय अच्छा है।खेतीवारी का काम चुकि आषाढ से शुरु हो...विषय अच्छा है।खेतीवारी का काम चुकि आषाढ से शुरु होता है,इस कारण आषाढ का तो अपने आप में काफी महत्व है।आषाढस्य प्रथम दिवसे को विद्वानों ने प्रसम(मुख्य,प्रधान) घोषित करने में काफी श्रम किया है-इस पर आदरणीय पं.रंगेश्वरनाथजी (करहरी)से चर्चायें सुना हूँ।वे आषाढ़ प्रतिपदा को काफी महत्वपूर्ण मानते थे।किन्तु कारण मुझे स्मरण नहीं है।कुछ तो रहस्य अवश्य है।धन्यवाद। punyarkkriti.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/14312335718215599114noreply@blogger.com